“how to check original or fake mobile phone? IMEI चेक, बिल्ड क्वालिटी, और सॉफ़्टवेयर टेस्ट के ज़रिए ठगी से बचने का पूरा गाइड।”
क्या आपका नया फ़ोन “मेड इन चाइना” वाले स्टिकर से परेशान है? या फिर ऑनलाइन ऑफ़र में मिले सस्ते iPhone ने आपको शक में डाल दिया? भारत में हर साल 25 लाख से ज़्यादा नकली फ़ोन बेचे जाते हैं, जो यूज़र्स की सेफ़्टी और पैसे दोनों को रिस्क में डालते हैं। असली और नकली फ़ोन में फ़र्क पहचानने के लिए यहां जानिए 10 एक्सपर्ट टिप्स – चाहे आप Flipkart से ख़रीद रहे हों या लोकल मार्केट से!
नकली फ़ोन ख़तरनाक क्यों हैं?
नकली फ़ोन सिर्फ़ “चीन से आया माल” नहीं होते, ये आपकी जान को भी ख़तरे में डाल सकते हैं:
- बैटरी धमाका: 2022 में दिल्ली के एक शख़्स का नकली Vivo फ़ोन चार्जिंग के दौरान फट गया।
- डेटा चोरी: हैकर्स नकली फ़ोन के सॉफ़्टवेयर से बैंक डिटेल्स चुराते हैं।
- ज़ीरो वारंटी: नकली फ़ोन के लिए कंपनी सर्विस नहीं देती।
आंकड़ा: भारत में 2023 में 37% नकली इलेक्ट्रॉनिक्स सीमा पर पकड़े गए (CBIC रिपोर्ट)।
असली vs नकली फ़ोन पहचानने के 10 तरीके
IMEI नंबर से पुष्टि करें
- कैसे चेक करें: फ़ोन में
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डायल करें – IMEI नंबर दिखेगा। - ऑनलाइन वेरिफाई: भारत सरकार की CEIR वेबसाइट या ब्रांड की ऑफ़िशियल साइट (जैसे Samsung India) पर IMEI डालें।
- रेड फ़्लैग: बॉक्स, फ़ोन और बिल पर IMEI नंबर अलग-अलग होना।
उदाहरण: एक यूज़र ने OLX पर “iPhone 13” ख़रीदा, लेकिन IMEI चेक करने पर पता चला कि वो 2019 का Nokia फ़ोन था!
फ़िज़िकल जाँच
- बिल्ड क्वालिटी: नकली फ़ोन में प्लास्टिक बॉडी, ढीले बटन, या लोगो पर स्पेलिंग मिस्टेक (जैसे “Samsang” या “iPhen”)।
- वज़न: असली iPhone 14 का वज़न 172 ग्राम है, जबकि नकली 140-150 ग्राम के आसपास होता है।
- डिस्प्ले टेस्ट: असली AMOLED स्क्रीन में काला रंग पर्फ़ेक्ट दिखता है, नकली में ग्रे।
टिप: किसी ऑथराइज्ड शोरूम में डेमो यूनिट से तुलना करें।
सॉफ़्टवेयर और परफ़ॉर्मेंस
- ऑपरेटिंग सिस्टम: असली Android फ़ोन में “About Phone” सेटिंग में ब्रांड का नाम होता है। नकली में “MTK Device” या “Unknown” दिखेगा।
- बेंचमार्क टेस्ट: Antutu ऐप डाउनलोड करें। असली Redmi Note 12 का स्कोर 3,50,000+ होगा, नकली का 1,00,000 से कम।
- प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स: “TikTok Pro” या “Free Netflix” जैसे ऐप्स नकली फ़ोन की निशानी हैं।
रिटेलर और प्राइसिंग
- झूठे ऑफ़र: “₹10,000 में iPhone 15” या “95% डिस्काउंट” वाले ऑफ़र पर भरोसा न करें।
- सेलर रेप्युटेशन: Amazon या Flipkart पर “सर्टिफ़ाइड सेलर” ही चुनें।
- वारंटी कार्ड: असली फ़ोन के साथ ब्रांडेड वारंटी कार्ड और इनवॉइस आता है।
सावधानी: फेसबुक Marketplace और WhatsApp पर बिकने वाले 60% फ़ोन नकली होते हैं (Delhi Police, 2023)।
बॉक्स और एक्सेसरीज़ की जाँच
- पैकेजिंग: असली फ़ोन के बॉक्स पर ब्रांड का लोगो, सीरियल नंबर, और हॉलोग्राम स्टिकर होता है। नकली में स्पेलिंग मिस्टेक्स (जैसे “Smasung” या “Appel”)।
- चार्जर और केबल: असली एक्सेसरीज़ पर ब्रांडेड लोगो और CE/ISO मार्क होते हैं। नकली चार्जर हल्के और प्लास्टिक जैसे लगते हैं।
- उदाहरण: एक यूज़र ने ₹8,000 में “Realme C55” ख़रीदा, लेकिन बॉक्स पर “Realmie” लिखा था!
कैमरा और सेंसर टेस्ट
- कैमरा क्वालिटी: असली फ़ोन के कैमरे में ऑटोफ़ोकस तेज़ और लो-लाइट फ़ोटो क्लियर होते हैं। नकली में फ़ोटो ब्लर या पिक्सेलेटेड।
- सेंसर चेक: असली फ़ोन में जाइरोस्कोप, प्रॉक्सिमिटी सेंसर काम करते हैं। नकली में ये सेंसर फ़ेक होते हैं (डायल करते समय स्क्रीन ऑफ़ नहीं होती)।
- टिप: Play Store से “Sensor Test” ऐप डाउनलोड कर सभी सेंसर चेक करें।
नेटवर्क और कनेक्टिविटी
- 4G/5G सपोर्ट: असली फ़ोन में Jio/Airtel का 5G काम करता है। नकली फ़ोन 4G भी ठीक से नहीं चलाते।
- Wi-Fi और Bluetooth: असली फ़ोन में 5GHz Wi-Fi और Bluetooth 5.0 सपोर्ट होता है। नकली में Bluetooth कनेक्शन ड्रॉप होता रहता है।
- रेड फ़्लैग: फ़ोन का नेटवर्क बार हमेशा फुल नहीं दिखना चाहिए (बिना सिम के भी)!
वॉटर/डस्ट रेजिस्टेंस
- IP रेटिंग: असली Samsung/iPhone में IP68 रेटिंग होती है। नकली फ़ोन के बॉक्स पर IP68 लिखा हो, लेकिन पानी गिरते ही खराब हो जाए।
- टेस्ट करें: फ़ोन के स्पीकर में थोड़ा पानी डालें (नकली में साउंड तुरंत बंद हो जाएगा)।
- सावधान: यह टेस्ट करने से फ़ोन खराब हो सकता है, इसलिए सिर्फ़ शक होने पर ही करें!
बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन
- फ़िंगरप्रिंट स्कैनर: असली फ़ोन का स्कैनर 1 सेकंड में अनलॉक कर देता है। नकली में यह धीमा या बिल्कुल नहीं चलता।
- फेस अनलॉक: असली फ़ोन अंधेरे में भी फेस अनलॉक करता है, नकली में यह फ़ीचर फ़ेक होता है।
- उदाहरण: एक नकली Redmi Note 12 में फ़िंगरप्रिंट सेंसर सिर्फ़ स्क्रीन को हल्का चमकाता था!
वारंटी और सर्विस सेंटर
- ऑनलाइन वेरिफाई: कंपनी की वेबसाइट पर सीरियल नंबर डालकर वारंटी स्टेटस चेक करें (जैसे Apple Check Coverage)।
- सर्विस सेंटर: नकली फ़ोन को ऑथराइज्ड सेंटर में रिपेयर के लिए रिजेक्ट कर दिया जाता है।
- स्टैट: 82% नकली फ़ोन यूज़र्स को वारंटी क्लेम में परेशानी आती है (Consumer Rights India 2023)।
असली फ़ोन ख़रीदने के गोल्डन टिप्स
- COD से बचें: पहले IMEI चेक करें, फिर पेमेंट करें।
- इनवॉइस मांगें: बिना GST इनवॉइस वाले फ़ोन न लें।
- सेकेंड हैंड ख़रीदें तो: ऑलिभलेट, क्रेगलिस्ट जैसे ट्रस्टेड प्लेटफ़ॉर्म यूज़ करें।
तुलना तालिका: असली vs नकली फ़ोन
फ़ीचर | असली फ़ोन | नकली फ़ोन |
---|---|---|
IMEI | CEIR वेबसाइट पर वैलिड | Invalid या ब्लॉक्ड |
बॉडी | ग्लास/मेटल, प्रीमियम फ़ील | प्लास्टिक, खरोंच युक्त |
OS | Clean Android/iOS | पायरेटेड OS, स्लो परफ़ॉर्मेंस |
प्राइस | MRP के आसपास | MRP से 50-70% सस्ता |
FAQs:
- Q1: क्या नकली फ़ोन में Play Store चल सकता है?
नहीं! ज़्यादातर नकली फ़ोन में पायरेटेड Android होता है, जिसमें Play Store नहीं आता। - Q2: IMEI चेक करने के लिए सबसे अच्छा ऐप कौन सा है?
“IMEI Info” या ब्रांड के ऑफ़िशियल ऐप (जैसे Samsung Members) यूज़ करें। - Q3: नकली फ़ोन ख़रीद लिया तो क्या करूँ?
तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करें और National Consumer Helpline (1915) पर कॉल करें।
निष्कर्ष
नकली फ़ोन बनाने वाले रोज़ नए तरीके ईजाद करते हैं, लेकिन IMEI चेक, फ़िज़िकल इंस्पेक्शन और कॉमन सेंस से आप ठगी से बच सकते हैं। यह गाइड शेयर करके दूसरों को भी सावधान करें – “जागरूकता ही सुरक्षा है!”
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